ॐ
ॐ
ॐ
ॐ
ॐ
► इससे आगे ►
ॐ
ॐ
ॐ
ॐ
फ़ीड सदस्यता 【 ● सहभागिता ● डा. अमर कुमार | डा. अनुराग आर्य
अँतर्जाल एवं मुद्रण से समकालीन साहित्य के चुने हुये अँशों का अव्यवसायिक सँकलन (संकलक एवं योगदानकर्ता के निताँत व्यक्तिगत रूचि पर निर्भर सँग्रह ! आवश्यक नहीं, कि पाठक इसकी गुणवत्ता से सहमत ही हों ) उत्तम रचनायें सुझायें, या भेजे ! उद्घृत रचनाओं का सम्पूर्ण स्वत्वाधिकार सँबन्धित लेखको एवँ प्रकाशकों के आधीन Creative Commons Attribution-Non-Commercial-Share Alike 2.5 India License. Based on a works at Hindi Blogs,Writings,Publications,Translations Permissions beyond the scope of this license may be available at http://www.amar4hindi.com |
नासदासीन नो सदासीत तदानीं नासीद रजो नो वयोमापरो यत किमावरीवः कुह कस्य शर्मन्नम्भः किमासीद गहनं गभीरम सृष्टि सृजन : ऋग्वेद (१०:१२९ )
|
अभिषेक ओझा भाई कुश वैष्णव डा. अनुराग आर्य सँयोजन : डा. अमर कुमार इन नामों पर क्लिक करके सीधे ई-मेल सम्पर्क करें ! |