15 October 2009
दिनांक : Thursday, October 15, 2009 | 6 सुधीजन टिपियाइन हैं | अँतर्जाल पर, ब्लॉगप्रहरी, विविधा, साथियों की कलम, साहित्य
दीपावली की शुभकामनाओं पर सवार माई लक्ष्मी

दीपावली की शुभकामनाओं का आना आरम्भ हो चुका है । मेरे मन के किसी कोने में ठँसे हुये उलट चरित को यह क्यों लगता करता है कि ऎसे रस्मी बधाई सँदेश दाल-रोटी के ज़द्दोजहद में जुटे आम आदमी को कष्ट ही देती होंगी । इसके उत्तर में एक फीकी मुस्कुराहट के साथ, ज़वाब तो यही मिलने...
13 October 2009
दिनांक : Tuesday, October 13, 2009 | 8 सुधीजन टिपियाइन हैं | ईँशा अल्लाह ख़ाँ, ब्लॉगप्रहरी, रानी केतकी की कहानी, विविधा, साहित्य
जारी है.. रानी केतकी की कहानी

अब तक की कहानी ( यहाँ देखें )
कहानी के जीवन का उभार और बोलचाल की दुलहिन का सिंगार किसी देश में किसी राजा के घर एक बेटा था । उसे उसके माँ-बाप और सब घर के लोग कुंवर उदैभान करके पुकारते थे । सचमुच उसके जीवन की जोत में सूरज की एक स्त्रोत आ मिली थी । उसका अच्छापन और भला लगना कुछ ऐसा न था जो किसी के लिखने और कहने में आ सके । पंद्रह बरस भरके उसने...
7 October 2009
दिनांक : Wednesday, October 07, 2009 | 6 सुधीजन टिपियाइन हैं | आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, ईँशा अल्लाह ख़ाँ, ब्लॉगप्रहरी, मुद्रण से, रानी केतकी की कहानी, विविधा, साहित्य, हिन्दी इतिहास की झलकियाँ
सुकुल पाकड़ के बहाने ईँशा अल्लाह - रानी केतकी की कहानी

प्रसँगतः यह सूत्रपात : मेरे सह-कर्मचारी अवधेश द्विवेदी का रविवार को सुबह सुबह फोन आया कि, " सर मैं अभी नहीं आ पाऊँगा, बाबू ने मेले में दुकान लगायी है, उनकी सहायता करनी है ।" अवधेश फ़ैज़ाबाद ...
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मानवता की अनुत्तरित जिज्ञासा
नासदासीन नो सदासीत तदानीं नासीद रजो नो वयोमापरो यत किमावरीवः कुह कस्य शर्मन्नम्भः किमासीद गहनं गभीरम सृष्टि सृजन : ऋग्वेद (१०:१२९ )
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डा. अनुराग आर्य
अभिषेक ओझा
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तुम्हारे लिए - मैं उसकी हंसी से ज्यादा उसके गाल पर पड़े डिम्पल को पसंद करता हूँ । हर सुबह थोड़े वक्फे मैं वहां ठहरना चाहता हूँ । हंसी उसे फबती है जैसे व्हाइट रंग । हाँ व्...5 years ago
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कॉन्सेप्चुअल फ्रेमवर्क - सामाजिक विज्ञान को विज्ञान की उपाधि जरूर किसी ऐसे व्यक्ति ने दी होगी जिसे लगा होगा कि विज्ञान को विज्ञान कहना *डिस्क्रिमिनेशन* हो चला है। विज्ञान और तार्...5 years ago
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मछली का नाम मार्गरेटा..!! - मछली का नाम मार्गरेटा.. यूँ तो मछली का नाम गुडिया पिंकी विमली शब्बो कुछ भी हो सकता था लेकिन मालकिन को मार्गरेटा नाम बहुत पसंद था.. मालकिन मुझे अलबत्ता झल...10 years ago