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छितरी इधर उधर वो शाश्वत चमक लिये
देखी जब रेत पर बिखरी अनाम सीपियाँ
मचलता मन इन्हें बटोर रख छोड़ने को
न जाने यह हैं किसका इतिहास समेटे

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8 August 2009

भारतीय कुत्ते

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आज नीरज जी की एक पुरानी पोस्ट पढ़ने को मिला । यूँ देखें तो कुछ ख़ास नहीं, पर सैटायर या हासपरिहास लेखन में सटीकता की दृष्टि से यह साझा करने का मन हुआ । प्रस्तुत है, एक अँश ;

“ और अगर आपको हमारे देश के आवारा कुत्तों की काबिलियत पे शक है, तो दोबारा सोचिये. या रहने दीजिये शायद आप समझ नहीं पायेंगे. वो जूनून जो उनके भीतर है, अगर आपने कभी देखा नहीं है तो मैं आपको बताता हूँ. वो उनका सड़क के किनारे दूर से आते किसी स्कूटर का इन्तेजार करना और फिर एकदम सही टाइमिंग सेट कर के एकदम एंगल बना के, रफ़्तार में आ रहे स्कूटर के दोनों पहियों के बीच से सुरक्षित पार कर होते हुए निकल जाना आसान नहीं है गुरु. वाकई कुत्ता बड़ा daring जीव है

Neeraj Singh, पंचायतनामा, Oct 2008

पूरी पोस्ट मूल साइट पर पढ़ें.

6 सुधीजन टिपियाइन हैं:

डॉ .अनुराग टिपियाइन कि

झकास पोस्ट है.....ओर ये प्रयास सराहनीय है .....

गिरिजेश राव, Girijesh Rao टिपियाइन कि

अच्छा लगा। लेकिन अगल बगल इतना अन्धेरा क्यों है भाई?

Udan Tashtari टिपियाइन कि

मस्त पोस्ट थी..आभार लिंकवा का!

Anonymous टिपियाइन कि

वाकई कुत्ता बडा़ daring जीव है...

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद टिपियाइन कि

कुत्ता डेरिंग हो न हो वफ़ादार तो होता ही है:)

शशांक शुक्ला टिपियाइन कि

सही कह रहे है प्रभु

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