" शारीरिक जीवन के इस कैदखाने में आने से पहले हम कहाँ थे और क्या थे ? "
" ये समझदार, सँज्ञाशील और शरीर में बेचैन रहने वाली आत्मायें हमारे शरीर में आने से पहले कहाँ थीं और क्या थीं ? इससे पहले कि ज़माना हमें निरर्थक आवाज़ बना कर दुनिया में लाया, हम किस सँतोष की साँस ले रहे थे ? "
" हमारे प्राण इन स्वरूपों में बदलने से पहले किस स्थिति में थे ? "
" सपनों की दुनिया में बोलती हुई यह जागृति, विचारों से सजा यह चिंतन, यह आनन्द और दुःख, प्रेम और घृणा से बँधी हुई अभिलाषायें माताओं के पेट में ही पैदा हुई या आकाश के वायुमँडल में ? "
"क्या इससे पहले की आकाँक्षा हमें जीवन की गोद में ले आई, हम कुछ भी न थे ? "
होश सँभालते ही मैंने यह सवाल अपनी आत्मा से पूछे । मेरी आत्मा ने इन सवालों के ज़वाब कुछ ऎसे सँदिग्ध वाक्यों में दिये, जो मेरी समझ से परे थे । मेरा चिन्तन उन वाक्यों को एक गहरी ख़ामोशी की तरफ़ ले गया, जिस तरफ़ बरफ़ के टुकड़े पानी में गिर कर पानी हो जाते हैं ।
कल एक नयी घटना मेरे सामने आई, जो अदृश्य जगत के भेद मुझ पर खोल देती है । यह घटना मेरे कल्पनालोक को उस ज़माने के पास ले गयी जब मेरा वाह्य शरीर प्रकट नहीं हुआ था । मैंने एक आदमी को देखा, जो अपनी आत्मा के सँबन्ध में कुछ बता रहा था । उसके शब्दों ने मुझ पर ऎसा ज़ादू कर दिया कि मेरे सीमित चिंतन और अल्पबुद्धि का वह बारीक रिश्ता और मज़बूत होने लग पड़ा ।
- ख़लील ज़िब्रान की कहानी ’तथ्य’ से साभार
इस अँश का अँग्रेज़ी से अनुवाद : डा. अमर कुमार
अब ब्लागर पर प्रकाशित ज़िब्रान की एक लघुकथा
- सच्चा प्यार
–उसने पुरुष से कहा, ''मैं तुम्हें प्रेम करती हूँ।''
पुरुष ने कहा, ''मैं भी तुम्हारा प्रेम पाने को लालायित रहा हूं।''
स्त्री ने कहा, ''लगता है तुम मुझे नहीं चाहते।''
सुनकर आदमी ने ध्यान से उसकी ओर देखा, पर कहा कुछ भी नहीं।
इस पर वह औरत चीख पड़ी, ''मुझे तुमसे नफरत है।''
पुरुष ने कहा, ''मेरी दिली इच्छा है कि किसी तरह तुम्हारी नफरत ही पा सकूँ।''
- आलेख-अँश आभार :
कथाकार / सुकेश साहनी / ब्लागपोस्ट 16 मई 2008 / खलील ज़िब्रान:जीवन और लघुकथायें
अद्भुत!!
खलील ज़िब्रान का पूरा साहित्य उस शाश्वत रह्स्य की परतों को खोलने पर केन्द्रित रहा..यह खूबसूरत कथा भी उसका अपवाद नही...
हिंदी मे पढ़वाने के लिये धन्यवाद
उम्दा. शुक्रिया.
लगे हाथ टिप्पणी भी मिल जाती, तो...
कुछ भी.., कैसा भी...बस, यूँ ही ?
ताकि इस ललित पृष्ठ पर अँकित रहे आपकी बहूमूल्य उपस्थिति !